चंडीगढ़ में टैक्स डिफॉल्टरों की प्रॉपर्टी होगी सील:1,000 से ज्यादा को नोटिस जारी, 70-75 करोड़ रुपए बकाया

चंडीगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष के केवल 6 महीने बचे होने के बावजूद, नगर निगम चंडीगढ़ ने वाणिज्यिक संपत्ति कर चूककर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत 1,000 से अधिक डिफॉल्टरों की पहचान की गई है, जिन्हें जल्द ही बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। इन डिफॉल्टरों पर लगभग 70-75 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसे निगम प्राथमिकता के आधार पर वसूलने की योजना बना रहा है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वाणिज्यिक संपत्तियों पर कर दरें आवासीय संपत्तियों की तुलना में अधिक होती हैं। बकाएदारों को नियमों के तहत समय दिया गया था, लेकिन अब भुगतान न करने वालों की संपत्तियों को चंडीगढ़ पुलिस की मदद से सील करने की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने आगे कहा कि विभाग ने समयबद्ध तरीके से इस वसूली अभियान को अंजाम देने का फैसला किया है, ताकि वित्तीय वर्ष के अंत से पहले सभी बकाया राशि वसूली जा सके। स्वच्छ संपत्तियों पर प्राथमिकता जानकारी के अनुसार, सूचीबद्ध सभी 1,000 वाणिज्यिक संपत्तियां 'स्वच्छ' हैं, जिसका मतलब है कि वे किसी कानूनी विवाद या मुकदमे में नहीं उलझी हुई हैं। इसके चलते, इन संपत्तियों से वसूली करना अपेक्षाकृत आसान माना जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि ऐसी संपत्तियों के मामलों से निपटना चुनौतीपूर्ण होता है जो विभिन्न विवादों में उलझी होती हैं, क्योंकि इन पर अदालतों में लंबित मुकदमे होते हैं। इसलिए, बिना विवाद वाली संपत्तियों को पहले लक्ष्य बनाया गया है। छूट अवधि के बाद जुर्माना और ब्याज लागू वित्तीय वर्ष की शुरुआत में नगर निगम ने करदाताओं को कर भुगतान के लिए छूट अवधि प्रदान की थी, जिसमें आवासीय संपत्तियों पर 20% और वाणिज्यिक संपत्तियों पर 10% की छूट दी गई थी। हालांकि, जिन्होंने इस अवधि के दौरान भुगतान नहीं किया, अब उन्हें पूरी राशि पर 25% जुर्माना और 12% वार्षिक ब्याज का भुगतान करना होगा। वाणिज्यिक संपत्ति कर, नगर निगम चंडीगढ़ के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। अधिकारी ने कहा कि यह अभियान राजस्व बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि कर भुगतान में चूक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि सरकारी खजाने को किसी प्रकार का नुकसान न हो। गृह मंत्रालय ने भी नगर निगम से कर वसूली के इस अभियान पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। नगर निगम अब इस अभियान को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे शहर के विकास कार्यों के लिए राजस्व जुटाया जा सके।

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